Baba Mastnath University, Rohtak, a private self-financing university, blossomed under the aegis of Shri Baba Mastnath Math, Asthal Bohar in 2012 under Haryana Private Universities Act-2006. After inspection by an expert panel of UGC members, the University was accorded approval under Section 2(f).
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अस्थल बोहर का यह प्राचीन मठ आठवीं शताब्दी से लेकर अब तक जनकल्याण, समाज-सेवा एवं राष्ट्रोत्थान के अनेक उपक्रमों के प्रति संकल्पबद्ध है। यह मठ आमजन व संतों को दीक्षित करके आत्म-साक्षात्कार तथा जनकल्याण में प्रवृत होने की प्रेरणा देता आया है। यहाँ से दीक्षा प्राप्ति के बाद अनेक नाथ योगियों ने उक्त उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए इस अस्थल बोहर मठ का आश्रय लिया है। उत्तरी भारत में चैरंगीनाथ जी की तपःस्थली सारे भारतवर्ष में प्रसिद्ध है। यह तपःस्थली नाथपंथ में आई पंथ की एक महत्त्वपूर्ण गद्दी मानी जाती है। इस स्थान पर आई पंथ के साधु बाबा श्री मस्तनाथ जी ने घोर तपस्या की तथा इस स्थान का जीर्णोंद्धार करके अस्थल बोहर मठ की स्थापना की। वे गुरु गोरक्षनाथ जी के अवतार माने जाते हैं। उन्होंने अपनी कठोर तपस्या एवं अपार सिद्धियों से यह सिद्ध भी करके दिखाया। परिणामस्वरूप जनमानस उन्हें सतत् गोरख अवतारी कहने लगे। बीसवीं सदी में गद्दी के महंत श्री श्रेयोनाथ जी अपने समय के जाने-माने वैद्य थे तथा सन् 1978 ई॰ में हरियाणा सरकार के स्वास्थ्य मंत्री भी रहे। वे चाहते थे कि कोई कर्मठ और शिक्षित साधु इस गद्दी का वारिस बने। इस रूप में चाँदनाथ जी योगी को अपना उत्तराधिकारी चुना। महंत चाँदनाथ जी योगी (पूर्व सांसद-अलवर लोकसभा, राजस्थान) ने शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में अनेक उत्कृष्ट कार्य करके अलवर क्षेत्र को विकास के नये आयाम प्रदान किये। महाराज जी ने सन् 2012 ई॰ में बाबा मस्तनाथ विश्वविद्यालय की स्थापना की। इससे पहले यहाँ अनेक पाठयक्रम संचालित थे, लेकिन विश्वविद्यालय का दर्जा दिलाने में महंत चाँदनाथ जी योगी का अहम योगदान रहा। जो पौधा उन्होंने लगाया था वह आज दिन-प्रतिदिन नई ऊँचाइयों को छू रहा है। इसमें कोई अतिशयोक्ति नहीं कि उन्होंने जो सपना देखा था, वह निरंतर अपनी ऊँचाइयों को छूते हुए नई मिसाल कायम कर रहा है। बाबा मस्तनाथ विश्वविद्यालय के वर्तमान कुलाधिपति महंत बालकनाथ जी योगी (सांसद-अलवर लोकसभा क्षेत्र, राजस्थान) के निर्देशन में यह विश्वविद्यालय दिन-प्रतिदिन उन्नति और विस्तार के नए कीर्तिमान हासिल कर रहा है।
अस्थल बोहर का यह प्राचीन मठ आठवीं शताब्दी से लेकर अब तक जनकल्याण, समाज-सेवा एवं राष्ट्रोत्थान के अनेक उपक्रमों के प्रति संकल्पबद्ध है। यह मठ आमजन व संतों को दीक्षित करके आत्म-साक्षात्कार तथा जनकल्याण में प्रवृत होने की प्रेरणा देता आया है। यहाँ से दीक्षा प्राप्ति के बाद अनेक नाथ योगियों ने उक्त उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए इस अस्थल बोहर मठ का आश्रय लिया है। उत्तरी भारत में चैरंगीनाथ जी की तपःस्थली सारे भारतवर्ष में प्रसिद्ध है। यह तपःस्थली नाथपंथ में आई पंथ की एक महत्त्वपूर्ण गद्दी मानी जाती है। इस स्थान पर आई पंथ के साधु बाबा श्री मस्तनाथ जी ने घोर तपस्या की तथा इस स्थान का जीर्णोंद्धार करके अस्थल बोहर मठ की स्थापना की। वे गुरु गोरक्षनाथ जी के अवतार माने जाते हैं। उन्होंने अपनी कठोर तपस्या एवं अपार सिद्धियों से यह सिद्ध भी करके दिखाया। परिणामस्वरूप जनमानस उन्हें सतत् गोरख अवतारी कहने लगे। बीसवीं सदी में गद्दी के महंत श्री श्रेयोनाथ जी अपने समय के जाने-माने वैद्य थे तथा सन् 1978 ई॰ में हरियाणा सरकार के स्वास्थ्य मंत्री भी रहे। वे चाहते थे कि कोई कर्मठ और शिक्षित साधु इस गद्दी का वारिस बने। इस रूप में चाँदनाथ जी योगी को अपना उत्तराधिकारी चुना। महंत चाँदनाथ जी योगी (पूर्व सांसद-अलवर लोकसभा, राजस्थान) ने शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में अनेक उत्कृष्ट कार्य करके अलवर क्षेत्र को विकास के नये आयाम प्रदान किये। महाराज जी ने सन् 2012 ई॰ में बाबा मस्तनाथ विश्वविद्यालय की स्थापना की। इससे पहले यहाँ अनेक पाठयक्रम संचालित थे, लेकिन विश्वविद्यालय का दर्जा दिलाने में महंत चाँदनाथ जी योगी का अहम योगदान रहा। जो पौधा उन्होंने लगाया था वह आज दिन-प्रतिदिन नई ऊँचाइयों को छू रहा है। इसमें कोई अतिशयोक्ति नहीं कि उन्होंने जो सपना देखा था, वह निरंतर अपनी ऊँचाइयों को छूते हुए नई मिसाल कायम कर रहा है। बाबा मस्तनाथ विश्वविद्यालय के वर्तमान कुलाधिपति महंत बालकनाथ जी योगी (सांसद-अलवर लोकसभा क्षेत्र, राजस्थान) के निर्देशन में यह विश्वविद्यालय दिन-प्रतिदिन उन्नति और विस्तार के नए कीर्तिमान हासिल कर रहा है।